बिहार: लापता होने के तीन दिन बाद भी दो कारोबारी भाइयों को नहीं ढूंढ पाई पुलिस, परिजनों ने DGP से लगाई गुहार
पटना के जमाल राेड के रहने वाले राइस मिलर भाइयाें राकेश कुमार गुप्ता व उनके भाई अमित कुमार गुप्ता के लापता होने की खबर मिलने के 72 घंटे बाद भी काेई सुराग नहीं मिला है. न तो काेई फिराैती (Ransom) का काॅल आया और न ही दाेनाें में से किसी ने परिजनाें से संपर्क किया है. खास बात यह कि अमित के पास माेबाइल है पर मंगलवार से ही बंद है. 72 घंटे के बाद भी दाेनाें का सुराग नहीं लगने से परिजनों के सब्र का बांध टूट गया. किसी अनहाेनी की आशंका से सहमे उनके पिता भरत प्रसाद, मां व मंझले भाई सुमन कुमार, राकेश की पत्नी, राकेश के बच्चे व उनके करीबी रिश्तेदार डीजीपी एसके सिंघल (Bihar DGP SK Singhal) से मिलने पुलिस मुख्यालय पहुंच गए.
डीजीपी ने परिजनों को दिया आश्वासन
डीजपी एसके सिंघल से मिलने के लिए सुमन, राकेश की पत्नी, उनका बेटा व दाे करीबी रिश्तेदार गए. करीब 30 मिनट तक परिवार के लाेगाें ने डीजीपी से दाेनाें भाइयाें काे बमराद करने की गुहार लगाई. परिजनों ने कहा, सर तीन दिन हाे चुके हैं. न काेई फिराैती की मांग आई है और न ही दाेनाें में से किसी का काॅल आया. तीन दिन से चूल्हा नहीं जला है. डीजीपी ने पीड़ित परिरजाें की बाताें काे गंभीरता से सुना और भराेसा दिया कि पुलिस जांच कर रही है. धैर्य बनाकर रखिए।. पुलिस दाेनाें भाइयाें काे बरामद कर लेगी.
एसएसपी ने भाई से ली जानकारी
डीजीपी से मिलने के बाद एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने भाई काे बुलाया सुमन काे काॅल कर गांधी मैदान थाना बुलाया. करीब 30 मिनट तक एसएसपी ने सुमन से मामले की पूरी जानकारी ली. इस दाैरान नाैबतपुर के थानेदार सम्राट दीपक भी थे. बता दें कि मंगलवार की शाम से दाेनाें भाई नाैबतपुर से लापता हैं. इस मामले में अपहरण का केस दर्ज् कर पुलिस मामले की छानबीन करने में जुटी है.
इस बात की भी है चर्चा
इधर, इस बात की चर्चा है कि पिछले कुछ दिनाें से दाेनाें भाई बीमा व बैंक में जमा रकम काे निकाल रहे थे. बीमा की राशि मैच्योर नहीं हाेने के बाद रकम क्याें निकाल रहे थे, इसकाे लेकर स्थिति साफ नहीं है. बताया जाता है कि उन्हांने हाल में ही एक फ्लैट भी लिया है. पुलिस दाेनाें भाइयाें के खाते से लेकर बीमा व अन्य वित्तीयसंस्थानाें में निवेश रकम की भी जांच कर रही है कि हाल के दिनाें में कितना निकासी की गई? आखिर उन्हें रकम की क्या जरूरत पड़ गई? हालांकि परिवार इन बाताें से इनकार कर रहा है.
भाई ने कही यह बात
राकेश के भाई सुमन ने कहा कि दाेनाें भाइयाें पर कर्ज या अन्य तरह की बातें विराेधी उड़ा रहे हैं जबकि सच्चाई से इसका लेना - देना नहीं है. सुमन का दावा है कि बिना बैंक लाेन के काेराेबार नहीं चलता है. अगर दाेनाें भाइयाें ने बीमा या बैंक से जमा निकाली हाेगी ताे उसे किसी काे देने के लिए. सुमन ने कहा कि अभी हाल ही में आरा के पवना में 8 कराेड़ में राइस मिल खरीदी गई है. गढ़नी में हमारी जमीन है. पटना से लेकर गांव तक अपनी संपत्ति है. दाेनाें भाई कर्ज काे लेकर कहीं चले गए या भाग गए, यह बात पूरी तरह से बेबुनियाद है.
परिजनों से मिले सांसद व विधायक
इधर, राकेश व अमित के परिवार से मिलने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री सांसद रामकृपाल यादव और माेरवा के विधायक रणविजय साहू भी फ्लैट पहुंचे. रामकृपाल यादव ने कहा कि यह चिंता की बात है कि तीन दिन से दाेनाें भाइयाें का कुछ पता नहीं चल रहा है. पुलिस गंभीरता से मामले काे लेकर दाेनाें भाइयाें काे खाेज निकाले.
संदिग्ध नंबराें काे खंगाल रही है पुलिस
छापेमारी जांच में जुटी पुलिस काे दाेनाें भाइयाें के माेबाइल में कुछ संदिग्ध नंबर मिले हैं. इन नंबराें का सीडीआर निकालकर पुलिस मामले की छानबीन करने में जुटी है. दाेनाें भाइयाेंं के माेबाइल में मिले इन नंबराें काे पुलिस ने परिवार वालाें काे भी दिखाया पर उन लाेगाें काे भी इन नंबराें का पता नहीं था. इन नंबराें के आधार पर पुलिस उन लाेगाें का पता लगाने में जुटी है. इधर, पुलिस ने अपहरण की आशंका देख पटना, वैशाली, आरा आदि जिलाें में छापेमारी की पर काेई ठाेस सुराग नहीं मिला.