बैंक में परा रह गया चेक जालसाजों ने उड़ा लिए 5 लाख
शादी कार्ड का व्यवसाय करने वाले मनोज कुमार की मां चंपा देवी ने जिस चेक को एक दूसरे व्यक्ति के नाम पर काटा था उसकी क्लोनिंग जालसाजों ने कर ली। असली चेक बैंक में ही पड़ा रह गया और क्लोन वाले चेक से जालसाजों ने पांच लाख निकाल लिये। राजधानी पटना के लंगरटोली के डीएन दास लेन की रहने वाली व्यवसायी की मां चंपा देवी ने इस बाबत पीरबहोर थाने में केस दर्ज करवाया है। उनका आरोप है कि पंजाब नेशनल बैंक के मुरादपुर शाखा के कर्मियों की मिलीभगत से चेक क्लोनिंग कर रुपये निकाले गये हैं।
दरअसल चंपा देवी ने 21 दिसंबर को पंजाब नेशनल बैंक का चेक अरुण कुमार गुप्ता के नाम से काटा था। उस चेक को भंजने के लिए यूनियन बैंक में दिया गया था। जब चेक काफी दिनों तक नहीं भंजा तो चंपा देवी के बेटे मनोज ने बैंककर्मियों से पूछताछ की। उनका जवाब था कि लगातार छुट्टी होने के कारण परेशानी हो रही है।
मोबाइल पर मैसेज आते ही चौंके व्यवसायी
दो जनवरी को मनोज के मोबाइल पर खाते से आरटीजीएस होने का मैसेज आया। आरटीजीएस का मैसेज आने पर वह चौंके। फौरन अरुण को कॉल कर पूछा कि उनके खाते में रुपये गये हैं या नहीं। इस पर अरुण ने रुपये नहीं आने की बात कही। इसके बाद वे आनन-फानन में बैंक गये। वहां पता चला कि रणवीर कुमार के खाते में आरटीजीएस के माध्यम से रुपये ट्रांसफर किये गये हैं। असली चेक बैंक में ही था, जिसे वहां के कर्मियों ने मनोज को दिखाया।
बैंककर्मियों से होगी पूछताछ
पीरबहोर के थानेदार रिजवान अहमद खान ने बताया कि पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है। जल्द ही इस बाबत बैंककर्मियों से भी पूछताछ की जायेगी। पुलिस बैंक का सीसीटीवी फुटेज भी खंगालेगी। अगर किसी पर शक हुआ और उसका जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो उसे थाने लाकर पूछताछ की जा सकती है।
उठ रहे सवाल :
- बैंक में जब असली चेक पड़ा था तो उस पर वहां के कर्मियों का ध्यान क्यों नहीं गया?
- इतनी बड़ी रकम देने से पहले व्यवसायी से बैंककर्मियों ने अनुमति क्यों नहीं ली?
- क्या बैंक में आये चेक को बारीकी से नहीं देखा जाता?
- पीएनबी में चेक आने के बाद रुपये निकाले गये। कहीं ऐसा तो नहीं कि वहीं से जालसाजों को चेक आसानी से मिला और उसकी क्लोनिंग कर ली गयी?