Bihar Politics : क्या जीतन राम मांझी देना चाह रहे NDA के बिखरने का संकेत? या पूर्व CM ने खेल दिया अपना पुराना दांव.
क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और बिहार चुनाव के नतीजों (Bihar Election) के बहाने जीतन राम मांझी ने भी बीजेपी पर हमला बोला है? क्या NDA में 2013 की तरह ही फिर से सब ठीक नहीं है? नीतीश ने जदयू (BJP and JDU relation) की बैठक में ऐसा क्यों कहा कि 'पता ही नहीं चला कि कौन दुश्मन है और कौन दोस्त?'... क्यों उनके साथी और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) गठबंधन धर्म निभाने की बात कर रहे हैं? सबसे बड़ा सवाल ये कि मांझी NDA के भविष्य का संकेत दे रहे हैं या खुद अपना? खासतौर पर इस सवाल का जवाब तो भविष्य के गर्त में हैं लेकिन कुछ इशारे जरुर मिल रहे हैं।

मांझी ने कहा- गठबंधन धर्म निभाना कोई नीतीश से सीखे : जीतन राम मांझी ने रविवार की सुबह-सुबह एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा 'राजनीति में गठबंधन धर्म को निभाना अगर सीखना है तो नीतीश कुमार जी से सीखा जा सकता है। गठबंधन में शामिल दल के आंतरिक विरोध और साजिशों के बावजूद भी उनका सहयोग करना नीतीश जी को राजनैतिक तौर पर और महान बनाता है। नीतीश कुमार के जज्बे को मांझी का सलाम...'
.@yadavtejashwi जी आप बिहार के भविष्य हैं आपको अनर्गल बयान से बचना चाहिए।
जब आप अपने दल के राजनैतिक कार्यक्रम खरवास के बाद आरंभ कर रहें हैं तो मंत्रिपरिषद का विस्तार पर इतना क्यों उतावले हो रहें हैं?
सही वक्त पर सबकुछ हो जाएगा बस आप पॉज़िटिव राजनिति किजिए।
— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) January 10, 2021
तेजस्वी पर मांझी का हमला या इशारा? : इस ट्वीट के फौरन बाद जीतन राम मांझी ने एक और ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा 'तेजस्वी यादव जी, आप बिहार के भविष्य हैं आपको अनर्गल बयान से बचना चाहिए। जब आप अपने दल के राजनैतिक कार्यक्रम खरमास के बाद आरंभ कर रहे हैं तो मंत्रिपरिषद के विस्तार पर इतने उतावले क्यों हो रहे हैं? सही वक्त पर सबकुछ हो जाएगा बस आप पॉजिटिव राजनीति कीजिए।'
अब इस ट्वीट में मांझी तेजस्वी पर हमला बोल रहे हैं यै उन्हें इशारों में सलाह दे रहे हैं, यही कन्फ्यूजन है। राजनीतिक एक्सपर्ट डॉक्टर संजय कुमार कहते हैं कि फिलहाल NDA के बनते-बिगड़ते रिश्तों पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन ये तय है कि NDA में दो अलग-अलग धड़े काम कर रहे हैं। एक धड़े में चिराग को लेकर अभी भी दोस्ती का पुट है तो दूसरे धड़े में सीटें कम होने का दर्द। डॉक्टर संजय के मुताबिक बीजेपी डैमेज कंट्रोल की कोशिश तो कर रही है लेकिन नीतीश के लिए तो ये ऐसा जख्म है जो फिलहाल भरना मुमकिन नहीं दिख रहा। ऐसे में मांझी उनका समर्थन कर रहे हैं तो इसमें हैरत की बात नहीं है।
मांझी अपने जुगाड़ में भी : सूत्रों के मुताबिक जीतन राम मांझी नई सरकार में अपनी पार्टी से एक और मंत्री + MLC चाहते हैं। चुंकि सीट बंटवारे में मांझी को नीतीश ने अपनी तरफ से एडजस्ट किया था। इसीलिए मांझी मानते हैं कि नई बिहार सरकार में उनका कद भी नीतीश ही ऊंचा कर सकते हैं। क्योंकि मांझी ने NDA बीजेपी के नाम पर छोड़ा और लौटे JDU के नाम पर। सियासी गलियारे में ये चर्चा भी खूब है कि मांझी के ये दो ट्वीट मंत्री पद और MLC की सीट हासिल करने के लिए चला गया एक दांव है। वैसे भी मांझी प्रेशर पॉलिटिक्स के खिलाड़ी माने जाते हैं, ये अलग बात है कि महागठबंधन में उनका ये दांव फेल हो गया था।
नीतीश का छलका था दर्द : बिहार चुनाव में जेडीयू के प्रदर्शन को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमारका दर्द एक बार फिर छलका है। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान सीटों के बंटवारे में हुई देरी की वजह से पार्टी को कई विधानसभा क्षेत्रों में हार का सामना करना पड़ा। ऐसा इसलिए क्योंकि उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार के लिए काफी कम समय मिला। इसका खामियाजा जेडीयू को उठाना पड़ा। उन्होंने एक बार फिर कहा कि वह मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे, लेकिन पार्टी और बीजेपी के दबाव की वजह से मुख्यमंत्री का पद ग्रहण किया।
राजनीति में गठबंधन धर्म को निभाना अगर सीखना है तो .@NitishKumar जी से सीखा जा सकता है,गठबंधन में शामिल दल के आंतरिक विरोध और साज़िशों के बावजूद भी उनका सहयोग करना नीतीश जी को राजनैतिक तौर पर और महान बनाता है।
नीतीश कुमार के जज़्बे को माँझी का सलाम...
— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) January 10, 2021
जेडीयू प्रदेश इकाई की बैठक में बोले नीतीश कुमार : दरअसल, जनता दल यूनाइटेड प्रदेश इकाई की दो दिवसीय बैठक शनिवार से शुरू हुई। जेडीयू प्रदेश कार्यालय में हो रही इस बैठक में पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ये बातें कहीं। इस दौरान मुख्यमंत्री ये कह कर सभी को चौंका दिया कि चुनाव के दौरान उन्हें पता ही नहीं चला कि कौन दुश्मन है और कौन दोस्त। चुनाव के दौरान हमने सभी को बुलाकर बात की थी, लेकिन हमें तभी शक हो गया था।
चुनाव परिणाम से अब तक नाराज हैं नीतीश! : नीतीश कुमार ने आगे कहा कि एनडीए में पांच महीने पहले ही सब विषयों पर बात हो जाना चाहिए था। ऐसे में सत्ता के गलियारे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिर नीतीश कुमार का यह बयान एलजेपी के लिए है या बीजेपी के लिए। सूत्र बताते हैं कि नीतीश कुमार चुनाव परिणाम को लेकर अभी तक नाराज हैं। उनके इस बयान से इस बात का आभास हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं किया जाएगा और अगर ऐसा करने का प्रयास किया जाता है, तो हमारी पार्टी इसका खुलकर विरोध करेगी।
कैबिनेट विस्तार को लेकर भी सीएम तोड़ चुके हैं चुप्पी : इससे पहले शुक्रवार को ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर यह कहा था कि बीजेपी की ओर से अभी तक कोई बातचीत नहीं की गई है। बीजेपी नेताओं के साथ हुई बातचीत में कैबिनेट विस्तार पर कोई चर्चा नहीं हुई। जब तक पूरी बात नहीं हो जाती कैबिनेट विस्तार कैसे होगा। कैबिनेट विस्तार में इतनी देर पहले कभी नहीं हुई। मैं हमेशा पहले ही कैबिनेट विस्तार कर देता था। बीजेपी नेताओं के साथ बैठक में सरकार के कामकाज को लेकर चर्चा हुई।