देश : सरकार सोशल मीडिया के जरिये वैक्सीन से जुड़ी फर्जी खबरों से करेगी आगाह
केंद्र सरकार कोरोना टीकों से जुड़ी फर्जी खबरों से निपटने की तैयारी में जुट गई है। सरकार की कोशिश लोगों में कोरोना टीकों की स्वीकार्यता बढ़ाने की भी होगी। एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन दोनों मकसद से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर, व्हाट्स एप, फेसबुक और टेलीग्राम समेत यूट्यूब का सहारा लिया है। सरकार लोगों में टीकाकरण की विश्वसनीयता को बढ़ाने के लिए एंटरटेनमेंट, स्पोर्ट्स और राजनीतिक जगत से जुड़े सेलेब्रिटी का सहारा लेगी।
पिछले हफ्ते केंद्रीय ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) की विशेषज्ञ समिति ने देश में कोरोना टीकों के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। इसके बाद से ही केंद्र सरकार टीकाकरण शुरू करने की तैयारी में है। भारत बायोटेक के टीके कोवैक्सीन और एस्ट्राजेनेका के टीके कोविशील्ड को मंजूरी दी गई है।
पिछले सप्ताह स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी जन संचार रणनीति का उद्देश्य समय रहते लोगों को सटीक और पारदर्शी जानकारी प्रदान करना है ताकि टीके से जुड़ी आशंकाओं और डर को दूर किया जा सके। इस रणनीति के तहत केंद्र राष्ट्रीय, राज्य और जिला-स्तरीय संचार गतिविधियों का मार्गदर्शन करेगा ताकि सभी व्यक्ति तक जानकारी पहुंच सके।
डब्ल्यूएचओ भी कर चुका है आगाह
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पहले ही देशों को चेतावनी दी है कि फर्जी सूचनाओं का प्रसार टीकाकरण के प्रयासों को प्रभावित कर सकता है। केंद्रीय मंत्रालय से जुड़े अधिकारी ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर कहा- सरकार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके कोरोना टीकों को लेकर सही जानकारी लोगों तक पहुंचाएगी ताकि इससे संबंधित फर्जी सूचनाओं के प्रसार को रोका जा सके। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से अक्सर गलत सूचनाओं का प्रसार किया जाता है, इसलिए सरकार ने इन प्लेटफार्म पर उपस्थिति मजबूत करने का फैसला किया।