जनवरी के अंत तक अस्तित्व में आएंगे नए शहरी निकाय, नीतीश कैबिनेट की मिल चुकी है मंजूरी.
बिहार कैबिनेट की मंजूरी के बाद नए निकायों के दावा-आपत्तियों का सिलसिला शुरू हो गया है। माना जाता है कि सबकुछ तय समय पर हुआ, तो इस माह के अंत में राज्य में 117 नए शहरी निकाय अस्तित्व में आ जाएंगे। एक महीने के अंदर यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। फिर नए निकायों में नए वार्डों का निर्धारण और क्षेत्र विस्तार वाले निकायों में वार्डों का नए सिरे से परिसीमन होगा।

राज्य सरकार ने दिसंबर के अंतिम सप्ताह में दो चरणों में 117 नए निकायों के गठन को मंजूरी दी थी। पहले 26 दिसंबर को 111 और फिर 29 दिसंबर को छह नए निकायों को हरी झंडी मिली थी। इनमें 109 नई नगर पंचायत और आठ ग्राम पंचायतों को सीधे नगर परिषद का दर्जा दिया गया था। 32 नगर पंचायत अपग्रेड कर नगर परिषद और पांच परिषदों को नगर निगम का दर्जा दिया गया। पांच नगर परिषद अपग्रेड कर नगर निगम बनाए गए हैं। इसके अलावा अप्रैल में स्वीकृत सीतामढ़ी नगर निगम को भी हाल ही में विधिवत अधिसूचित कर दिया गया।
सभी नए नगर निकायों की अधिसूचना भी नगर विकास एवं आवास विभाग ने मंजूरी के साथ ही जारी कर दी थी। उसके बाद जिलों में दावा आपत्ति आमंत्रित की गई हैं। इन आपत्तियों में खुशी और विरोध दोनों तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
259 हुई शहरी निकायों की संख्या : राज्य में अभी शहरी निकायों की संख्या 142 थी। इनमें 12 नगर निगम, 49 नगर परिषद और 81 नगर पंचायतें थीं। सीतामढ़ी को निगम का दर्जा मिलने की अधिसूचना जारी होने के साथ नगर निगमों की संख्या 13 हो गईं। इसके बाद बेतिया, मोतिहारी, मधुबनी, समस्तीपुर व सासाराम को को निगम बनाए जाने से इनकी संख्या बढ़कर 18 हो गई हैं। राज्य कैबिनेट द्वारा 117 नए निकायों के गठन की मंजूरी के बाद अब शहरी निकायों की संख्या बढ़कर 259 हो गई है। नगर पंरिषद 83 और नगर पंचायतें 158 हुई हैं।
नए निगमों में तैनात होंगे नगर आयुक्त : राज्य में नए निकायों के गठन के साथ ही वहां वार्डों का परिसीमन होगा। जो निकाय अपग्रेड किए गए हैं, वहां वार्डों की संख्या बढ़ेगी। वहीं, जिन नगर निकायों को नगर निगम का दर्जा मिल गया है। उनके गठन की प्रक्रिया पूरी होने पर अंतिम अधिसूचना जारी होगी। उसके बाद वहां नगर आयुक्तों की तैनाती होगी। फिलहाल वहां कार्यपालक पदाधिकारी तैनात हैं।