बिहार :सालों से एक ही जगह जमे पुलिसकर्मियों व अधिकारियों पर सख्त हुए डीजीपी, सभी एसपी को दिया यह निर्देश
ट्रांसफर के बावजूद सालों से जमे सैकड़ों पुलिस पदाधिकारी और पुलिसकर्मीयों पर अब कार्रवाई शुरू हो गयी है. पैरवी के बल पर सालों से जमे सभी पुलिसकर्मियों को नये साल के प्रथम दिन को ही डीजीपी ने विरमन करने का आदेश बिहार के सभी एसपी सहित वरीय पदाधिकारियों को दिया है. वहीं विरमन के बाद ही जनवरी का वेतन इन्हें नये पदस्थापित जगह से मिलेगा. दरअसल आरटीआई एक्टिविस्ट ने सूचना के अधिकार के तहत इस मामले का खुलासा किया था.
इस खुलासे के बाद डीजीपी सहित बिहार के तमाम वरीय पदाधिकारी को पत्र लिखकर वर्षो से जमे पुलिस पदाधिकारियों को विरमित करने सहित दोषियों पर कार्रावाई करने का अनुरोध किया था. इसी पत्र के आलोक में बिहार के डीजीपी ने 31 दिसंबर को कार्यालय आदेश जारी 10 दिनों के भीतर सभी एसपी से अनुपालन प्रतिवेदन की मांग की है. वहीं योगदान नहीं करने वाले के विरुद्ध आदेश उल्लंघन मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
क्या है मामला
आरटीआई एक्टिविस्ट अनिल कुमार सिंह सहरसा, सुपौल और मधेपुरा के पुलिस अधीक्षक से सूचना अधिकार के तहत सूचना मांगा गया था कि सिपाही से लेकर इंसपेक्टर स्तर के अधिकारी जो स्थानांतरण होने के बाद भी विरमित नहीं होकर यहीं जमें हुए हैं. जिसके बाद तीन जिले के एसपी ने निर्धारित समय पर सिंह को सूचना उपलब्ध नहीं कराया. जिसके बाद आरटीआई एक्टिविस्ट अनिल कुमार सिंह ने प्रथम अपील के तहत कोसी रेंज के डीआईजी के समक्ष अपील दायर कर सूचना उपलब्ध कराने का अनुरोध किया. डीआईजी ने तीनों जिले के एसपी को पत्र लिखकर श्री सिंह को सूचना उपलब्ध कराने का आदेश जारी किया.
सहरसा में 39 पुलिसकर्मी स्थानांतरण के बाद जमे हैं
पुलिस उपमहानिरीक्षक कोसी क्षेत्र के अनुसार इसमें सहरसा में 39 पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मियों के नाम शामिल है जो स्थानांतरण के बाबजूद पिछले कई वर्षो से सहरसा में ही जमे हैं. इनमें पुलिस इंसपेक्टर, सब इंसपेक्टर और सिपाही स्तर के पुलिसकर्मी शामिल हैं. इन पुलिस पदाधिकारियों का स्थानांन्तरण राज्य के विभिन्न जिलों में किया गया है.
मधेपुरा में भी जमे 30 पुलिसकर्मी
पुलिस उपमहानिरिक्षक कोसी क्षेत्र जो सूचना अनिल कुमार सिंह को उपलब्ध करायी गई है उसके अनुसार मधेपुरा में कुल 30 पुलिस पदाधिकारी और कर्मी सरकार के ट्रांसफर के आदेश को कूड़े में फेंकते हुए सालों से जमे हैं.
क्या है बिहार के डीजीपी का आदेश
बिहार के पुलिस महानिदेशक ने अपने आदेश में कहा है कि बिना किसी स्थगन आदेश के जो स्थानांतरित पदाधिकारी व कर्मी पूर्व पदस्थापन पर बने हुए उन्हें 1 जनवरी 2021 के प्रभाव से निश्चित रूप से विरमित कर दिया जाय. ऐसे कर्मीयों का जनवरी 2021 का वेतन भुगतान उनके नव पदस्थापित जिले से होगा. विरमन के पश्चात यदि सबंधित पुलिस कर्मी अपने नये पदस्थापित जिले में योगदान नहीं करते है तो वे अनुशासनिक कार्रवाई के भागी होंगे.
डीजीपी ने बिहार के सभी एसपी और वरीय पदाधिकारी को लिखे पत्र में ये भी कहा है कि यदि नियंत्री पदाधिकारी के द्वारा इन्हें ससमय विरमित नहीं किया जाता है और जनवरी 2021 का वेतन भुगतान उसी जिला ईकाई किया जाता है तो सबंधित नियंत्री पदाधिकारी का आदेश उल्लंघन माना जायेगा और तदनुसार उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जायेगी.